हिंदुस्तान की माटी हूं में
ऋषि मुनियों की संस्कृत हूं में
आधुनिकता की ओट से आनन उठाती कुमार विश्वास की हिंदी हूं में
मुलायम लहजे में मोहब्बत की परिभाषा बताती ग़ालिब की उर्दू हूँ में
तीन रंगों की शान से उड़ती पतंग हूं में
ना डूबने वाली कागज़ की कश्ती हूँ में
कश्मीर में गिरती बर्फ शबनम की बूँद हूँ में
दक्षिण की द्रविड़ सभ्यता अहसास-ए-कन्याकुमारी हूं में
बंगाल का प्रेम बंकिमचंद्र का राष्ट्रगान हूं में
तो राजस्थान के प्राचीन किलो कि प्राचीर हूं में
मर्यादा पुरषोत्तम का परिवार 'राम' हूं में
नटखट 'कृष्ण' का अवतार हूँ में
माता सीता का स्वाभिमान हूं में
पतिव्रता सावित्री अभिमान हूँ में
पन्नाधाय का बलिदान हूं में
मा भवानी लाल चूनर हूं में
दरगाह की हरियाली चादर हूँ में
वाहेगुरु का कुंदन जड़ित स्वर्ण मंदिर हूं में
राम लला की नगरी अयोध्या हूं में
मक्का की गलियों से ख्वाजा की दरगाह हूं में
विवेकानंद का धर्म कलाम सा मज़हब हूं में
चौराहे पर तिरंगे बेचती अम्मा की लाठी हूँ में
विश्व गुरु सनातन संस्कृति के जनक हिन्दुस्तान की माटी हूँ में
🖋️कलम से
श्याम जोशी (राजस्थान)
आधुनिकता की ओट से आनन उठाती कुमार विश्वास की हिंदी हूं में
मुलायम लहजे में मोहब्बत की परिभाषा बताती ग़ालिब की उर्दू हूँ में
तीन रंगों की शान से उड़ती पतंग हूं में
ना डूबने वाली कागज़ की कश्ती हूँ में
कश्मीर में गिरती बर्फ शबनम की बूँद हूँ में
दक्षिण की द्रविड़ सभ्यता अहसास-ए-कन्याकुमारी हूं में
बंगाल का प्रेम बंकिमचंद्र का राष्ट्रगान हूं में
तो राजस्थान के प्राचीन किलो कि प्राचीर हूं में
मर्यादा पुरषोत्तम का परिवार 'राम' हूं में
नटखट 'कृष्ण' का अवतार हूँ में
माता सीता का स्वाभिमान हूं में
पतिव्रता सावित्री अभिमान हूँ में
पन्नाधाय का बलिदान हूं में
मा भवानी लाल चूनर हूं में
दरगाह की हरियाली चादर हूँ में
वाहेगुरु का कुंदन जड़ित स्वर्ण मंदिर हूं में
राम लला की नगरी अयोध्या हूं में
मक्का की गलियों से ख्वाजा की दरगाह हूं में
विवेकानंद का धर्म कलाम सा मज़हब हूं में
चौराहे पर तिरंगे बेचती अम्मा की लाठी हूँ में
विश्व गुरु सनातन संस्कृति के जनक हिन्दुस्तान की माटी हूँ में
🖋️कलम से
श्याम जोशी (राजस्थान)
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