ठेके (संविदा) पर सेना, सेना की मजबूती या सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से समझोता :-श्याम जोशी

 शुक्रवार 17 जून 2022 || श्याम जोशी ||Shyam Joshi||



क्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ स्कीम का एलान किया,इससे सेना में भी शॉर्ट टर्म सेना की नियुक्ति हो पाएगी. 

सरकार का कहना है की सेना में ऐसा बदलाव कई देशों के सेना भर्ती के अध्यन के बाद लिया गया है। मूलतः मुझे यह इजराइल से उद्धत लगता है जहां हर व्यक्ति को अपना कुछ समय सेना में देना अनिवार्य है।

अलग अलग वर्ष के हिसाब से वेतनमान और 4 साल के बाद 75% युवाओं का पुनः घर पर भेजा जाना आपने विभिन्न समाचार चैनल और पत्र पत्रिकाओं में पढ़ा होगा।

राजस्थान, हरियाणा और बिहार में कई जगह #अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन हो रहे है।बिहार में युवाओं ने विरोध में कई जगह प्लेटफार्म पर कब्जा किया,ट्रेन को आग लगाई गई जो कही से भी स्वीकार्य विरोध नही कहा जा सकता। जिन लोगो ने भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया इसके खिलाफ वही कार्यवाही होनी चाहिए जो पहले उपद्रवियों के साथ हुई है।

लेकिन सही तो वो शासन और राजा भी नही जहां रेलवे, SSC जैसी भर्तियों के लिए 4,5 सालो तक बेरोजगारों को अटकाना,लटकाना आपके शासन की आत्मा बन जाती हो।

क्या युवाओं ने सीधे हिंसा या आगजनी की ?

जवाब है नही । 

फरवरी यूपी चुनाव के समय रैली में राजनाथ जी के सामने युवाओं ने मांग उठाई, पर महाराज ने नही सुना

मार्च में बिहार में युवाओं ने रेलवे ट्रैक पर पुश अप करके शांति पूर्वक प्रदर्शन किया ,महाराज ने नही सुना 

अप्रैल में राजस्थान सीकर का एक युवा 50 घंटे में 350 km तिरंगा हाथ लिए दौड़ कर दिल्ली पहुंचा, महाराज ने नही सुना ।

मई में शांतिपूर्वक तिरंगा यात्रा सेना भर्ती के लिए निकली,महाराज ने नही सुना।

कितने फायदे :-

सरकार और उनके समर्थकों की माने तो इससे बेहतर कोई योजना हो ही नही सकती। 

1. युवाओं को नौकरी मिलेगी

2. 24 साल तक 7,8 लाख की कमाई फिर 10 - 12 लाख सरकार की तरफ से 

3. 4 साल के बाद नए युवाओं को मौका

4. यहां से नौकरी खत्म होने के बाद नई पुलिस,सीआरपीएफ,कई  अन्य कंपनियों में प्राथमिकता

इतने फायदे तो विरोध क्यों ?

लेकिन जो दिखाया जा रहा है वो कितना लाभप्रद है,इसका मूल्यांकन AC रूम में बैठा कोई IAS, लाखों तनख्वा वाला मंहगे सूट से लिपटा पत्रकार,सलाहकार या 10,10 बार विधायकी की पेंशन खा रहा नेता नही कर सकता।

एक RTI अनुसार साल

- 2018 में सांसदों की पेंशन पर 70 करोड़ रुपये हुए खर्च, 8 सालों में 500 करोड़ रुपये।

- 2020-21 में 2679 पूर्व सांसदों के पेंशन के रूप में लगभग 100 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ|

तो समझोता सिर्फ सेना से क्यों?

माननीय प्रधान मंत्री जी उस क्षेत्र से आते है जहां सरकारी नौकरियों के लिए भागदौड़ बहुत कम है l 

अब इसका मतलब ये न जान लीजिए की इस क्षेत्र में सरकारी नौकरियां बहुत ज्यादा और सुलभ है।

जी नहीं, उस क्षेत्र में लोग सरकार नौकरी से ज्यादा खुद का उद्यम करना ज्यादा पसंद करते है।तो माननीय प्रधानमंत्री जी और उनके सलाहकारों को भी यही लगा होगा 4 साल की दिहाड़ी करवा कुछ पैसे आ जाए तो युवा क्यों नौकरियों में जिंदगी खफाए, वो भी उन पैसों से खुद का धंधा लगाए।

माननीय को लगता है की देश की जनता की जेब खाली कर,सरकारी संस्थाओं का निजीकरण, नौकरियों को समाप्त या अल्प कर देश की GDP 10 ट्रिलियन डॉलर कर लेंगे।

श्रीमान जब जनता भूख मिटाने का जुगाड तक नही कर पायेगी तब 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाले राष्ट्र का भला करेंगे क्या?

आपको क्या लगता है आप प्रभु की तरह अनंत है जो हमेशा आप ही रहेंगे कुर्सी पर,कोई आएगा और आपका जनता को निचोड़ कर इकठ्ठा किया पैसा घोटालों में समाहित कर लेगा।

अब मोदी जी के समर्थक तो हम भी है पर पराकाष्ठा वाले वैचारिक गुलाम नहीं अब कुछ वैचारिक बंधुआ कह रहे है "अग्निवीर बनना ही क्यों है IAS IPS बन जाओ" अब कौन समझाए उन मूढ़ व्यक्तियों को की मानसिक और शारीरिक योग्यताओं के पैमाने अलग होते है, वो नही होंगे आप जितने संपन्न की IAS IPS की तैयारी कर सके,नही होंगे मानसिक रूप से अव्वल की इतना ऊंचा सोच भी सके,अब कुछ टीवी स्क्रीन पर नजर आने वाले बुद्धिजीवी कह रहे हैं "मूर्ख है देश के युवा जो इतनी अच्छी योजना को समझ नही पा रहे" वही लखपति,करोड़पति पत्रकार ज्ञान दे रहे है - अच्छी ही तो है योजना,4 साल बाद आप दूसरी नौकरी लग जाना।


भैया अब आप पत्रकारों को कोई 4 साल आजतक,जी न्यूज जैसी संस्थाओं में काम करवा कर बोल दे जाओ अब गांव जाओ और केबल टीवी वाली नौकरी में आपको प्राथमिकता दिलवा देंगे। 

और जो नेताजी बोल रहे है वो भी 25,30 सालो से कुर्सियों से चिपके हुए है उन्हे(मंत्री,विधायक) भी 4 साल में विदा करे और कहे आपको आगे भी कई अवसर मिलेंगे सरपंच,प्रधान और नगर निगम के चुनावो में प्राथमिकता मिलेगी।

अच्छा लगेगा ???

नही ना...तो काहे दूसरा पक्ष जाने बिना गरिया रहे हो।

सरकारी तथ्य और उनके लिए जवाब :-

१. 24 की उम्र में 10 -15 लाख मिल जायेगे और क्या चाहिए :

देखिए अब 21 साल के बाद शादी होगी ,1 बच्चा होगा तब पिताजी रिटायर हो जायेंगे,फौज में जाने वाले अधिकतम ग्रामीण और गरीब परिवेश से आते है।

आदमी कमाता है शादी करने ,घर चलाने,घर बनाने,मां बाप के अच्छे इलाज ख्याल,बहन बिटिया का शादी ब्याह करने , बच्चों को अच्छी शिक्षा देने।

अब बता दीजिए 4 साल की नौकरी से सब कुछ कर लेगा।

२. 24 वर्ष बाद इतना पैसा होगा की आप खुद को स्थापित कर लेंगे:-

सबसे अधिक सेना में जाने वाले राजस्थान, बिहार और हरियाणा क्षेत्र से आते है 

राजस्थान बिहार में प्रदर्शन इसलिए ज्यादा है क्युकी गरीबी, कम जमीन तो कही अनुपजाऊ जमीन है ...पेट भरने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है तो सबसे ज्यादा सेना में यही से बच्चे शामिल होते है।



सोचिए जिस राजस्थान में देश का 1% पानी है ,रेगिस्तान ही रेगिस्तान है,न कच्चा माल न ही ट्रांसपोटेशन के अच्छे संसाधन तो कौन क्या धंधा कर लेगा।

बिहार वालो का तो हाल इससे भी बुरा है बिचारे उत्तर,दक्षिण चारो दिशाओं में काम की तलाश में कोई पानीपुरी,कोई हॉस्टल,होटल में खाना बना रहे है वो भी पढ़े लिखे युवा।

तो क्या 4 साल बाद ये भी यही करेंगे।

३. सेना को मजबूती मिलेगी:-

समझ नही आता माननीय के सलाहकार कोई राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने वाले है या कमजोर करने वाले।

हमें तो पड़ोसी(पाक,चीन )ऐसे दिए जिनकी टांगे फैली ही रहती है।जब देखो कही न कही से अड़ा देते है,ईश्वर न करे कभी युद्ध की नौबत आए पर सोचो 2,3 साल के प्रक्षिशित युवा क्या सही निर्णय के साथ सामना कर पाएंगे।

सबसे महत्वपूर्ण बात सबको पता है उच्च शिक्षा,प्रोफेशन डिग्री होल्डर और स्कॉलर आज देशद्रोही और आतंकी संगठनों से जुड़ रहे है आपको नही लगता की ऐसी मानसिकता वाले लोग आसानी से अंदर घुस जायेंगे। 

4 साल ही तो रहना है वो भी देश की सुरक्षा वाले क्षेत्र में।

15,20 साल बाद आपके द्वारा ट्रेंड ऐसी मानसिकता वाले लोगो की एक बड़ी सेना बना दोगे

४.4 वर्ष में अग्निवीर स्किल्ड हो जायेगे इससे उनके लिए अनेक कंपियो में रोजगार होगा और लोन मिलेगा :-

आज देश में स्किल्ड लोगो की कमी है क्या ?

स्किल्ड इंजीनियरिंग,नर्शिंग ,पॉलिटेक्निक वाले बिना रोजगार के गली गली घूम रहे है कोई लाइट फिटिंग करता है,कोई गाड़ियों में तेल ग्रीस चेंज तो कोई झोला उठाए गांव कुकर तो कोई सिलाई मशीन ठीक कर रहे है।

उसे ही रोजगार कह रहे है न बादशाह ?

वैसे कहा है नौकरियां? जो 4,5 साल से पुलिस वगैरा की लिखित परीक्षा की तयारी कर रहे है उनका नही हो पा रहा इस भ्रष्ट सिस्टम में तो 10वी पढ़ 4 साल सीमा पर ड्यूटी कर आते ही परीक्षा पास कर लेंगे या उन लोगो से मुकाबला कर लेंगे जो 4 साल से नौकरी की बजाय पढ़ाई कर रहे है।

श्रीमान सब गुजराती थोड़ी है जिनको सरकारी नौकरी से ज्यादा अपना धंधा करना पसंद हो वहा बड़े महानगरों से लिंक है,बंदरगाह है कच्चा माल है और रही बात लोन की तो रहने दीजिए अब तक अब तक जितनी लोन स्कीम है उनमें भी जो सरकार ने तय कर रखी है वो जात पूछ के लोन दिया जाता है,कितने सवर्ण को लोन दिया मुद्रा योजना से ? 1 भी नहीं।

५. इजराइल जैसे देश भी तो कर रहे है।

इजराइल कितना छोटा सा देश है जिसकी कुल जनसंख्या दिल्ली जैसे शहर से भी कम है वहा निरंतर युद्ध चलते रहते है तो वहां सैनिकों की आवश्यकता पूर्ति के लिए ये नियम आवश्यक है।

रही बात चीन,रूस जैसे देशों की तो वहां तो देश की सरकार के खिलाफ बोलने ,लिखने से पहले अनुमति लेनी पड़ती है पर आपके यहां तो जुबेर जैसा टकिया पत्रकार आपको अंतराष्ट्रीय स्तर पर   है  झुका दिया आप कुछ नही कर पाते।


६.डिग्री मिल जायेगी,4 साल बाद फिर पढ़ लेना:- 

भाई हर व्यक्ति की अलग अलग विशेषता और अलग कमजोरी होती है।वो शायद पढ़ाई में इतने ज्यादा अच्छे नहीं कर पाते पर शारीरिक रूप से ज्यादा अच्छा कर पाते है इसलिए उन्होंने अपने लिए उपयुक्त फील्ड सेना में जाना चुना।

अगर उन्हे पढ़ाई लिखाई,डिग्री करना हो तो तैयारी में क्यों 8,10 घंटे अपने शरीर को तपाते है। पढ़ ही लेते।

आप लोगो के लिए सेना 4 साल की नौकरी सिर्फ नौकरी,दिहाड़ी है पर मेने देखा राजस्थान में जहां बचपन से लोगो का देश के लिए समर्पित होने का भाव है

खैर जो भी हो जनाब को क्या फर्क पड़ता है अभी चुनाव तो है नही,तो खेल दिया मास्टर स्ट्रोक।

पर ये मास्टर स्ट्रोक कही किसान आंदोलन की तरह पीछे मुड़ने के और आपके बार बार पलटने वाले राजा की छवि न बना दे।

मुझे अच्छे से याद है जब शेरशाह फिल्म देख रहा था तब फिल्म खत्म होने के बाद बाजू में बैठा 8वी का बच्चा बोला था "में भी फौजी बनूंगा" पर उसे नही पता था ना सेना को देशप्रेम का आधार नही एक दिन दिहाड़ी बना दिया जाएगा।

जय हिंद, जय भारत🙏


कलम 🖋️ श्याम जोशी


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