श्याम जोशी :- क्या विश्वास जितने के चक्कर में हम हिंदुस्तान तो नहीं खो रहे है?

दिनांक 27 मार्च 2020 शुक्रवार ||श्याम जोशी

पता है आज के मेरे इस ब्लॉग से बहुत से लोगो को बूरा लगेगा कि ये जातिवादी है, विशेष समुदाय और धर्म विरोधी है, पर ना चाहते हुए भी आज मैं खुद को रोक नहीं पाया
आज मैने कुछ न्यूज रिपोर्ट्स देखी, दुख हुआ कि आज कोरोना संक्रमित की संख्या में भारी इजाफा हुआ ठीक यही न्यूज मैने पिछले शुक्रवार को भी पढ़ी

पर श्रीमान हकीकत इससे ज्यादा बुरी और कड़वी है
"ये इजाफा नहीं सुरुवात है"

में एक स्वास्थ्य कर्मी होने के नाते ज्यादा आज दुखी हूं में और मेरे जैसे लाखो कर्मी देश को महामारी से निजात दिलाने के लिए चोबिसो घंटे घर परिवार से दूर अपनी जान की परवाह किए बिना लोगो की सेवा कर रहे है
क्या हमारे ,हमारे परिवार और देश के नागरिकों के स्वास्थ्य की फिक्र करना मेरा अधिकार नहीं
देश आज असुरक्षित महसूस कर रहा है,सिर्फ शांतिदूतों की वजह से,
में जिस कॉलोनी में रहता हूं वहा हर परिवार सरकारी नियमो का पूरी तरह पालन करते है, कोई ना बाहर निकलता है ना बेवजह सड़कों पर घूमता है
विडम्बना ये है हमारी आस पास शांतिदूत समुदाय के 10 -15 घर ही है पर हमें डर लग रहा है कब कौन कहा से ये बीमारी लेकर कॉलोनी में फैला दे,इनके घरो का एक भी सदस्य घर में नहीं रहता अफसोस तो तब हुआ जब आज जुम्मे की नमाज के बाद ये सेखी बघारते हुए उत्पाती कोरोना जिहादी सड़कों पर हो हल्ला करते हुए टोलियां बना कर निकले
माफ़ करे पर शायद ये मेरी बाते सरकार और उनके कट्टर समर्थको को बुरी लगेगी पर क्या मजबूरी है मोदी जी और राज्य सरकारों की इन लोगो पर कार्यवाही हो रही
क्या हिंदुस्तान कि जनता की जान की कीमत चन्द जिहादी देशद्रोहियों और मानवता के विरोधियों को खुश करने के आगे नगण्य है?
क्यों भाई हम भी टैक्स देते है,हमारे भी अधिकार है ..हा हो सकता है शांतिदूतों के सामने थोड़े कम अधिकार मिले हो मुझे एक हिन्दुस्तानी होने के नाते, तो क्या में इनको खुश करने के खातिर अपनी अपने परिवार और देश के अन्य नागरिकों की जान से समझौता कर लू।
ये देश से विद्रोह करे , आप सरकार है भले सजा ना दे
ये आपको गाली दे ,आप सरकार है भले सजा ना दे
ये हमें गाली दे , आप सरकार है भले सजा ना दे
पर हाथ जोड़ कर विनती है हमें इनकी वजह से मौत की सजा ना दे
मोदी जी आप को क्या लगता है 100 करोड़ नागरिकों की जान को अनदेखा कर आप उनका विश्वास जीत लोगे, 
शायद जीत भी लोगे पर क्या करोगे ऐसे विश्वास का
"विश्वास तब जीतोगे जब हिंदुस्तान जिंदा बचेगा"
संभल जाइए अभी भी.. जीत लेना विश्वास, दे देना जितने अधिकार देने है पर हिंदुस्तान को इटली,ईरान बनने से बचा लीजिए।
वरना ना सरकारें रहेगी, ना हम ना ये हिंदुस्तान


🖋️ श्याम जोशी

Comments

  1. जी इस शांति सेना आज के दौर का मानव बम है ।
    इनकी जनसंख्या वृद्धि विस्फोटक है और देश से मिली आपार शक्ति और फिर भी देश के प्रति कोई जिम्मेदारी नही ।
    ये काफ़ी चिंतित करता है ।
    सरकार को सख्त कानून जल्द लाना ही पड़ेगा अन्यथा काफी देर हो जाएगी ।

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