60 की उम्र में हुआ कैंसर, लेकिन बिना इलाज के भी इस तरीके से जी गया 102 साल तक
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बीमारी से लड़ने के लिए पहाड़ी इलाके पर चले गए और खेती करने लगे। यहां उन्होंने कुछ ऐसी एक्टिविटीज की जिनके जरिए वे 102 साल तक जी पाए। यहां हम आपको बता रहे हैं स्टैमोटिस मोराइटिस ने कैंसर को कैसे हराया...
> मोराइटिस दिनभर खेती किया करते थे और पूरा समय खुली हवा और धूप में बिताया करते थे। ऐसे में उनकी बॉडी पर कई तरह के बदलाव आए।
> मोराइटिस सुबह से शाम तक सिर्फ फ्रैश सब्जियां और फ्रूट्स ही खाते थे।
> वे बिना बीमारी की टेंशन लिए काम करते थे और हमेशा खुश रहते थे।
> वे बिना बीमारी की टेंशन लिए काम करते थे और हमेशा खुश रहते थे।
नेचर में छुपा होता है सबसे बड़ा इलाज
- सीनियर कैंसर सर्जन डॉ. दिगपाल धारकर का कहना है कि प्राकृतिक उपचार तो कैंसर की बीमारी दूर करते ही हैं लेकिन वैज्ञानिक उपचार को प्राथमिता देनी चाहिए।
- डॉक्टर का कहना है कि अगर किसी भी व्यक्ति को कैंसर की बीमारी है और अगर उसे शुद्ध वातावरण मिले तो वह इस बीमारी से लड़ सकता है।
- साथ ही फिजिकल एक्टिविटी भी काफी जरूरी है। यानि व्यक्ति को रोज एक्सरसाइज और मॉर्निंग वॉक या कोई फिजिकल एक्टिव रहने वाला काम जरूर करना चाहिए।
वेजेटेरियन होने से मिलता है ये फायदा
- राेज एक्सरसाइज और मॉर्निंग वॉक करने से बॉडी में एंडोर्फिन्स केमिकल रिलीज होता है जो बॉडी को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। इससे बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ती है जिससे व्यक्ति को किसी भी बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़ने की पॉवर मिलती है।
- साथ ही अगर व्यक्ति शुद्ध शाकाहारी रहे और प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर रखे तो किसी भी बीमारी से लड़ सकता है।
भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल, जयपुर के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नरेश लेडवानी के मुताबिक, लाइफ के छोटे-बड़े 5 बदलाव आपको कैंसर से बचा सकते हैं। ये बदलाव हैं...
1. मीट पकाते समय रखें खास ध्यान
कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जब हम मीट को हाई टेम्प्रेचर पर पकाते हैं तो मीट में मौजूद अमीनो एसिड टॉक्सिन में बदल जाता है। जब मीट की वसा को खुली तेज आंच पर पकाया जाता है तो उसमें कैंसर कारक तत्व पैदा होते हैं। इनके बुरे असर से बचने के लिए मीट को पकाने से पहले उस पर सिरके का यूज करें।
2. अपने आउटफिटस से रोकें कैंसर
वैज्ञानिकों का मानना है कि आपके आउटफिट भी आपको स्किन के कैंसर से बचा सकते हैं। रिसर्च में भी यह साबित हुआ है कि नीले और लाल कपड़े सफेद और पीले कपड़ों की तुलना में सूरज की UV किरणों से बचाव करते हैं। ऐसे में स्किन कैंसर का खतरा कम होता है।
3. अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो छोडें
अगर आप एक नॉन स्मॉकर हैं और आपके आस-पास कोई स्मॉकर है तो उससे दूर रहें। धूम्रपान छोड़ने से फेफड़े, गले, मुंह, ब्लॉडर और ग्रीवा के कैंसर का खतरा कम होता है। निकोटीन में 4,000 से अधिक कैमिकल्स और 43 अलग-अलग कैंसरजनक पदार्थ होते हैं।
4. रोज लें कॉफी
- एक दिन में लगभग 4 कप कॉफी पीने से ओरल कैंसर का खतरा 39 प्रतिशत तक कम होता है। जो महिलाएं एक दिन में 2 कप से ज्यादा कॉफी पीती हैं उन्हें ओवरी कैंसर की संभावना कम होती है।
- कम से कम 5 कप कॉफी कुछ प्रकार के ब्रेन कैंसर की संभावनाओं को 40 प्रतिशत तक कम करती है। एक दिन में कम से कम 3 कप कॉफी स्तन कैंसर की आशंका घटाती है।
- कॉफी पीने वालों में लीवर कैंसर की संभावना 41 प्रतिशत तक कम होती है।
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60 की उम्र में हुआ कैंसर, लेकिन बिना इलाज के भी इस तरीके से जी गया 102 साल तक
Dainikbhaskar.com | Last Modified - Apr 05,2018 8:20 PM IST
यूटिलिटी डेस्क। कैंसर को जानलेवा बीमारी माना जाता है और यह भी कहा जाता है कि जिस व्यक्ति को यह बीमारी हो जाए उसकी जल्द से जल्द मौत हो जाती है। लेकिन US के स्टैमेटिस मोराइटिस ने अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाकर इस बात को गलत साबित करके दिखाया है।
मोराइटिस को 60 साल की उम्र में ही लंग कैंसर हो गया था। इस समय डॉक्टर्स ने भी यह कह दिया था कि अगर मोराइटिस कीमोथैरेपी नहीं करवाते हैं तो सिर्फ 6 से 9 महीने तक ही जिंदा रह पाएंगे। लेकिन उन्होंने हार नहीं माना और बीमारी से लड़ने के लिए पहाड़ी इलाके पर चले गए और खेती करने लगे। यहां उन्होंने कुछ ऐसी एक्टिविटीज की जिनके जरिए वे 102 साल तक जी पाए। यहां हम आपको बता रहे हैं स्टैमोटिस मोराइटिस ने कैंसर को कैसे हराया...
> मोराइटिस दिनभर खेती किया करते थे और पूरा समय खुली हवा और धूप में बिताया करते थे। ऐसे में उनकी बॉडी पर कई तरह के बदलाव आए।
> मोराइटिस सुबह से शाम तक सिर्फ फ्रैश सब्जियां और फ्रूट्स ही खाते थे।
> वे बिना बीमारी की टेंशन लिए काम करते थे और हमेशा खुश रहते थे।
> वे बिना बीमारी की टेंशन लिए काम करते थे और हमेशा खुश रहते थे।
नेचर में छुपा होता है सबसे बड़ा इलाज
- सीनियर कैंसर सर्जन डॉ. दिगपाल धारकर का कहना है कि प्राकृतिक उपचार तो कैंसर की बीमारी दूर करते ही हैं लेकिन वैज्ञानिक उपचार को प्राथमिता देनी चाहिए।
- डॉक्टर का कहना है कि अगर किसी भी व्यक्ति को कैंसर की बीमारी है और अगर उसे शुद्ध वातावरण मिले तो वह इस बीमारी से लड़ सकता है।
- साथ ही फिजिकल एक्टिविटी भी काफी जरूरी है। यानि व्यक्ति को रोज एक्सरसाइज और मॉर्निंग वॉक या कोई फिजिकल एक्टिव रहने वाला काम जरूर करना चाहिए।
वेजेटेरियन होने से मिलता है ये फायदा
- राेज एक्सरसाइज और मॉर्निंग वॉक करने से बॉडी में एंडोर्फिन्स केमिकल रिलीज होता है जो बॉडी को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। इससे बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ती है जिससे व्यक्ति को किसी भी बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़ने की पॉवर मिलती है।
- साथ ही अगर व्यक्ति शुद्ध शाकाहारी रहे और प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर रखे तो किसी भी बीमारी से लड़ सकता है।
आगे की स्लाइड्स पर जानिए लाइफ के ऐसे 5 बदलाव जो आपको कैंसर से बचा सकते हैं...
लाइफ के 5 बदलाव जो बचा सकते हैं कैंसर से
- भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल, जयपुर के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नरेश लेडवानी के मुताबिक, लाइफ के छोटे-बड़े 5 बदलाव आपको कैंसर से बचा सकते हैं। ये बदलाव हैं...
1. मीट पकाते समय रखें खास ध्यान
कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जब हम मीट को हाई टेम्प्रेचर पर पकाते हैं तो मीट में मौजूद अमीनो एसिड टॉक्सिन में बदल जाता है। जब मीट की वसा को खुली तेज आंच पर पकाया जाता है तो उसमें कैंसर कारक तत्व पैदा होते हैं। इनके बुरे असर से बचने के लिए मीट को पकाने से पहले उस पर सिरके का यूज करें।
2. अपने आउटफिटस से रोकें कैंसर
वैज्ञानिकों का मानना है कि आपके आउटफिट भी आपको स्किन के कैंसर से बचा सकते हैं। रिसर्च में भी यह साबित हुआ है कि नीले और लाल कपड़े सफेद और पीले कपड़ों की तुलना में सूरज की UV किरणों से बचाव करते हैं। ऐसे में स्किन कैंसर का खतरा कम होता है।
आगे की स्लाइड्स पर पढ़ें बाकी के बदलाव के बारे में, जो कैंसर के खतरे को कर सकते हैं कम...
3. अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो छोडें
अगर आप एक नॉन स्मॉकर हैं और आपके आस-पास कोई स्मॉकर है तो उससे दूर रहें। धूम्रपान छोड़ने से फेफड़े, गले, मुंह, ब्लॉडर और ग्रीवा के कैंसर का खतरा कम होता है। निकोटीन में 4,000 से अधिक कैमिकल्स और 43 अलग-अलग कैंसरजनक पदार्थ होते हैं।
4. रोज लें कॉफी
- एक दिन में लगभग 4 कप कॉफी पीने से ओरल कैंसर का खतरा 39 प्रतिशत तक कम होता है। जो महिलाएं एक दिन में 2 कप से ज्यादा कॉफी पीती हैं उन्हें ओवरी कैंसर की संभावना कम होती है।
- कम से कम 5 कप कॉफी कुछ प्रकार के ब्रेन कैंसर की संभावनाओं को 40 प्रतिशत तक कम करती है। एक दिन में कम से कम 3 कप कॉफी स्तन कैंसर की आशंका घटाती है।
- कॉफी पीने वालों में लीवर कैंसर की संभावना 41 प्रतिशत तक कम होती है।
आगे की स्लाइड्स पर पढ़ें अंतिम बदलाव के बारे में...
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