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क्या मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन ने नक्शे के साथ आस्था के भी टुकड़े किए।
मुग़ल शासक बाबर 1526 में भारत आया। 1528 तक वह अवध वर्तमान अयोध्या तक पहुँच गया। बाबर के सेनापति मीर बाकी ने 1528-29 में राम मंदिर को तुड़वा कर मस्जिद का निर्माण करवा दिया। विवाद नया नहीं है अयोध्या विवाद पहली बार 1885 में कोर्ट में पहुंचा, निर्मोही अखाड़ा 134 साल और सुन्नी वक्फ बोर्ड 58 साल से जमीन पर मालिकाना हक मांग रहा भारत के इतिहास का सबसे बड़ा केस जो लगभग 34 साल से चला आ रहा है। पर आज 16 अक्टूबर 2019 को 40 दिन की लगातार सुनवाई का आखिरी दिन,और भारत की सर्वोच्च अदालत में एक नाटक होता है। सुप्रीम कॉर्ट में हिन्दू पक्षकार के वकील मिश्रा जी सबूत के तौर पर 1810 का एक नक्षा रखते है। जो कहता है के बाबरी मस्जिद से पहले भगवान राम विराजमान थे। हार की हताशा और घटिया वकालत की पराकाष्ठा तो तब होती है जब मुस्लिम पक्षकार छीनाल,निहायती बदतमीज वकील राजीव धवन उस नक्शे को टुकड़े टुकड़े कर भारतीय न्याय पालिका का मजाक बनाते हुए हवा में उछाल देता है। क्या सिर्फ नक्शा फड़ा गया जी नहीं धवन ने करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के टुकड़े किए। इतिहास गवाह है हिंदुस्तान न...
श्याम जोशी:- क्या आप जानते है सिप्ला,टोरेंट फार्मा,रेमेडिसविर दवा कंपनियों के मालिक कौन है ? फिर कोरोनिल दवा के मालिक से ही परेशानी क्यों ?
शुक्रवार 26 जून 2020:- श्याम जोशी जब आप बीमार होते है तो डॉक्टर के पास जाते होंगे,डॉक्टर आपको 5-7 दिन की दवा लिख कर देता है फिर दुबारा आने को बोलता है जब आराम नहीं आता तो डॉक्टर दवा बदल देता है, और ज्यादा ही आराम ना आए तो आप फिर डॉक्टर ही बदल देते है पर दवा लेने या बदलने से पहले क्या आप मेडिकल स्टोर पर दवा बनाने वाली कंपनी के मालिक के बारे में पूछ कर दवा लेते है?
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